हरित बीएचईएल
बीएचईएल को एक ग्रीन कंपनी में रूपांतरित करने की पहल
आज जलवायु परिवर्तन और इसमें सुधार की अनिवार्यता दुनिया भर के लिए विशेष महत्त्व का मुद्दा बन चुका है। यहां तक कि यह मुद्दा व्यावसायिक रणनीतियों और नीतियों को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक भी बन गया है। जलवायु परिवर्तन में सुधार के विषय को भारत विभिन्न वैश्विक मंचों पर मुखरता से उठाता रहा है। भारत ने जलवायु सुधार के लिए पंचसूत्रीय कार्ययोजना 'पंचामृत', के रूप में अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। इस कार्ययोजना में 2070 तक नेट ज़ीरो (Net Zero) के लक्ष्य की प्रतिबद्धता शामिल है।
बीएचईएल अपनी स्थापना से ही पर्यावरण के प्रति जागरूक रहा है। बीएचईएल जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए कई उत्पादों और समाधानों को पहले से ही उपलब्ध करा रहा है। साथ ही इस क्षेत्र में कई उभरती प्रौद्योगिकियों पर भी काम कर रहा है। कंपनी एक सुव्यवस्थित पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से अपने परिचालनों के पर्यावरणीय प्रभावो (Environmental footprint) को कम करने के लिए लगातार काम कर रही हैं।
उभरती परिस्थितियों की आवश्यकतानुरूप बीएचईएल ने “हरित बीएचईएल” पहल का शुभारंभ किया है । इसका उद्देश्य कंपनी को एक हरित कंपनी के रूप में स्थापित करना और इसे व्यवसायिक उत्थान की रणनीति का हिस्सा बनाना है। इसमें ईएसजी (ESG) सिद्धांतों पर और ध्यान दिया जाना सम्मिलित है जिससे कंपनी को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करने में मदद मिलेगी तथा पर्यावरण अनुकूल उत्पादों और सेवाओं के डिजाइन, विनिर्माण और वितरण में नवाचार (Innovation) की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
- 2047 तक कार्बन न्यूट्रल कंपनी बनना #
- बीएचईएल की सभी विनिर्माण इकाइयों द्वारा उच्चतम ग्रीन कंपनी रेटिंग (Green Company Rating ) प्राप्त करना
#स्कोप-1 और स्कोप-2 उत्सर्जन के सापेक्ष नेट ज़ीरो लक्ष्य
हमने हरित बीएचईएल के लिए एक त्रि-आयामी रणनीति अपनाई है
1. वर्ष 2047 तक नेट जीरो (Net Zero) के लक्ष्य को प्राप्त करना : बीएचईएल स्कोप-1 और स्कोप-2 उत्सर्जन के सापेक्ष नेट ज़ीरो ( Net Zero) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम करेगा और अपने ग्राहकों और विक्रेताओं को स्कोप-3 उत्सर्जन में कमी की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इकाइयाँ प्रत्येक वर्ष के अंत में अपने कार्बन उत्सर्जन का मूल्यांकन करेंगी और कार्बन उत्सर्जन में कमी के नए लक्ष्य और कार्य योजना निर्धारित करेंगी।
2. विनिर्माण इकाइयों द्वारा ग्रीन कंपनी रेटिंग प्राप्त करना : सभी विनिर्माण इकाइयाँ ग्रीन कंपनी रेटिंग (GreenCo Rating) प्राप्त करने के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरेंगी। शुरुआती तौर पर, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, पांच विनिर्माण इकाइयों का GreenCo Rating के लिए मूल्यांकन किया जाएगा। अन्य इकाइयों को इस प्रक्रिया के लिए चरणबद्ध तरीके से लिया जाएगा।
3. नौ केंद्रित सस्टेनेबिलिटी पहलें: वर्ष 2023-24 के दौरान क्रियान्वयन हेतु नौ केंद्रित सस्टेनेबिलिटी पहलों को चिन्हित किया गया हैं| इनका विवरण इस प्रकार है - बीएचईएल परिसरों में 75,000 पौधे लगाना,कुशल जल प्रबंधन एवं उपयोग सुनिश्चित करने के लिए विनिर्माण इकाइयों का वॉटर ऑडिट (Water Audit), सभी इकाइयों में शून्य तरल उत्सर्जन की स्थिति को प्राप्त करना , ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा के कुशल उपयोग के लिए नए अवसरों की पहचान करने के लिए विनिर्माण इकाइयों का एनर्जि ऑडिट (Energy Audit) कराना, जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए बीएचईएल परिसरों में जल निकायों (water bodies) का निर्माण, और वर्षा जल संचयन प्रणालियों का निर्माण, बायोडिग्रेडेबल कचरे की खाद बनाने और स्रोत पर अपशिष्ट पृथक्करण (waste segregation at source) सुनिश्चित करने के लिए बीएचईएल की उप- नगरियों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली स्थापित करना, दिन में प्रकाश व्यवस्था हेतु बिजली के उपयोग को कम करने के लिए कारखानों और भवनों में सूर्यप्रकाश का उपयोग सुनिश्चित करने की व्यवस्था करना,अपने परिचालन में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने हेतु और अधिक सौर पीवी विद्युत संयंत्र (Solar PV Systems) स्थापित करना ताकि कंपनी के कार्बन फुट प्रिंट को कम किया जा सके।
इन पहलों के परिणामों की समीक्षा प्रत्येक वर्ष के अंत में की जाएगी और आवश्यकतानुसार इन पहलों एवं लक्ष्यों में सुधार या परिवर्तन किया जाएगा।
हरित बीएचईएलपिछले पृष्ठ मे वापस जाएं | पृष्ठ अंतिम अद्यतन तिथि : 11-08-2023