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वित्तीय वर्ष 21-22 में बीएचईएल वापस मुनाफे में दो वर्षों तक घाटे के बाद वित्त वर्ष 21-22 में लाभ दर्ज किया कुल कारोबार में 24% की वृद्धि, 20% लाभांश का भुगतान वित्त वर्ष 20-21 में 2,717 करोड़ के घाटे के मुक़ाबले 410 करोड़ (कर पश्चात) का मुनाफा

Date : 23/05/2022

वित्तीय वर्ष 21-22 में बीएचईएल वापस मुनाफे में दो वर्षों तक घाटे के बाद वित्त वर्ष 21-22 में लाभ दर्ज किया कुल कारोबार में 24% की वृद्धि, 20% लाभांश का भुगतान वित्त वर्ष 20-21 में 2,717 करोड़ के घाटे के मुक़ाबले 410 करोड़ (कर पश्चात) का मुनाफा

नई दिल्ली, 23 मई: पहली तिमाही का परिचालन कोविड की दूसरी लहर के कारण बुरी तरह प्रभावित होने के बावजूद भारत हेवी इलेक्ट्रिकस लिमिटेड (बीएचईएल) वित्तीय वर्ष 2021-22 में वापस मुनाफे में आ गया है।

निष्पादन में तेजी लाने, लागत नियंत्रण, विवेकपूर्ण संसाधन प्रबंधन तथा सेवा और गुणवत्ता मानकों में सुधार पर एक मजबूत फोकस के कारण, कंपनी ने वित्त वर्ष 21-22 में न केवल ब्रेक-ईवन हासिल किया है, बल्कि अपनी बैलेंस शीट को भी मजबूत किया है।

पिछले वर्ष के 17,308 करोड़ के मुक़ाबले इस वर्ष परिचालन से प्राप्त आय 24% की बढ़ोतरी के साथ 21,211 करोड़ हो गया है, वहीं पिछले वर्ष के 3,612 करोड़ के घाटे के मुक़ाबले कंपनी ने इस वर्ष 437 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ (PBT) प्राप्त किया है। कंपनी का कुल EBIDTA 1,100 करोड़ रहा। धातुओं की कीमतों में तेज उछाल तथा अन्य सामग्रियों एवं ईंधन की लागत में वृद्धि के कारण मुनाफे पर अत्यधिक दबाव के बावजूद बीएचईएल यह उपलब्धि हासिल कर सका है। पिछले वर्ष के 2,717 करोड़ के घाटे के मुक़ाबले इस वर्ष कंपनी ने 410 करोड़ रुपये का कर पश्चात लाभ (PAT) प्राप्त किया। उल्लेखनीय है कि कंपनी ने तीन वर्षों के अंतराल पर, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 20% का लाभांश घोषित किया है।

जबकि कंपनी ने अब तक का उच्चतम प्रोजेक्ट क्लोज़र और परियोजना साइटों पर पिछले पाँच वर्षों का उच्चतम निष्पादन प्राप्त किया है, यह कहना उचित होगा कि इस तरह का प्रदर्शन पिछले कुछ वर्षों में प्रोजेक्ट केन्द्रित परिचालन की ओर ध्यान केन्द्रित करने का परिणाम है। इस प्रदर्शन के कारण हमें केवल परिचालन गतिविधियों से 660 करोड़ का नकद अधिशेष (cash surplus) प्राप्त हुआ है। 31.03.2022 के आंकड़े के अनुसार, कंपनी के पास 2,409 करोड़ का कैश और बैंक बैलेन्स (उधारी को ऐडजस्ट करने के बाद) है जो वित्त वर्ष 20-21 के अंत में 1,868 करोड़ था।

इस वर्ष बीएचईएल ने यूटिलिटी, सोलर और कैप्टिव सेगमेंट में 4,119 MW के पावर प्लांटों के साथ साथ 1,460 MW के स्टीम जेनरेटरों को कमिशन और सिंक्रोनाइज़ किया है। कंपनी ने एनटीपीसी दादरी में अपने पहले FGD प्लांट तथा उत्तरी करनपुरा में देश के सबसे बड़े एयर कूल्ड कनडेन्सर को भी चालू किया है। उल्लेखनीय है कि, इस एयर कूल्ड कनडेन्सर को बीएचईएल द्वारा OEM के सहयोग के बिना चालू किया गया जो हमारी इंजीनियरिंग कौशल को दर्शाता है। कंपनी ने पश्चिमी क्षेत्र ग्रिड और दक्षिणी क्षेत्र ग्रिड के बीच +800 केवी, 6,000 मेगावाट UHVDC लिंक को भी सफलतापूर्वक चालू किया।

कंपनी एनटीपीसी रामागुंडम में 100 मेगावाट के फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र को चालू करने के अंतिम चरण में है, जो देश में अब तक का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र होगा।  इसके साथ ही, यह आंकड़ा देना उपयोगी होगा कि देश में उपलब्ध कुल फ्लोटिंग सौर क्षमता का दो-तिहाई हिस्सा बीएचईएल द्वारा स्थापित और चालू किया गया है।

वर्ष के दौरान, बीएचईएल ने 23,693 करोड़ रुपये के ऑर्डर प्राप्त किए हैं और 31 मार्च, 2022 के आंकड़े के हिसाब से, कुल ऑर्डर बुक 1,02,542 करोड़ रुपये का है।

परमाणु क्षेत्र पर बीएचईएल के फोकस के परिणामस्वरूप कंपनी को NPCIL से अब तक का सबसे बड़ा 10,800 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। यह ऑर्डर फ्लीट प्रोक्योरमेंट मोड के तहत, 700 मेगावाट के प्रेसराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर्स के 6 इकाइयों के टरबाइन आइलेंड पैकेज के EPC के लिए प्राप्त हुआ है।   इसके अलावा, रिएक्टर हेडर असेंबलियों तथा स्टीम जेनरेटरों की आपूर्ति के ऑर्डर भी प्राप्त हुए हैं। गौरतलब है कि बीएचईएल परमाणु टरबाइन जनरेटर की आपूर्ति करने वाली एकमात्र भारतीय कंपनी है।

अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बोली के बीच, बीएचईएल ने ICF, चेन्नई से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए 3 –फेज IGBT आधारित प्रोपल्शन प्रणालियों के 16 सेटों का पहला ऑर्डर प्राप्त कर घरेलू सेमी हाइ - स्पीड मोबिलिटी क्षेत्र में प्रवेश किया है। बीएचईएल को प्राप्त अन्य प्रमुख ऑर्डरों में शामिल है – उन्नयित SRGM जो कि भारतीय युद्धपोतों का प्रमुख बंदूक है और जिसके किए बीएचईएल देश का एकमात्र आपूर्तिकर्ता है, रक्षा मंत्रालय के लिए सामरिक उपकरण, इत्यादि।

स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास पर अपना फोकस जारी रखते हुए, कंपनी ने ज्यादा राख पैदा करने वाले भारतीय कोयले का उपयोग करते हुए 0.25 TPD कोल टू मेथनॉल प्रौद्योगिकी प्रदर्शन संयंत्र को भारत में ही डिजाइन, स्थापित और प्रदर्शित किया, जो अपनी तरह का पहला प्रौद्योगिकी प्रदर्शन है। भारत सरकार के राष्ट्रीय कोल गैसीफिकेशन मिशन में योगदान करने तथा अपने ‘न्यूनतम प्रदूषण करने वाले’ कोयला आधारित उत्पादों के प्रसार हेतु बीएचईएल अब इस प्रौद्योगिकी के वाणिज्यीकरण की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। कंपनी कम रेटिंग वाले सुपरक्रिटिकल संयंत्रों के विकास पर भी काम कर रही है और उत्सर्जन नियंत्रण उपकरणों के लिए व्यापक समाधान प्रदान कर रही है।

उच्च गुणवत्ता, कम लागत और समय पर निष्पादन के लिए अपनी आंतरिक प्रक्रिया को मजबूत करने के अलावा, बीएचईएल आने वाले वर्षों में अपनी सतत विकास यात्रा को जारी रखने के लिए सभी उभरते अवसरों को भुनाने की दिशा में प्रयासरत है।

 

 

पिछले पृष्ठ मे वापस जाएं | पृष्ठ अंतिम अद्यतन तिथि : 25-05-2022