History of BHEL

माननीय केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री ने बीएचईएल द्वारा घरेलू स्तर पर विकसित वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर के प्रोटोटाइप का उद्घाटन किया

Date : 17/11/2021

माननीय केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री ने बीएचईएल द्वारा घरेलू स्तर पर विकसित वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर के प्रोटोटाइप का उद्घाटन किया

नई दिल्ली, 17 नवम्बर: भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने शहरी क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए, वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर (एपीसीटी) के प्रोटोटाइप को स्वदेशी रूप से विकसित तथा तैयार किया है। इस एपीसीटी को बीएचईएल ने नोएडा प्रशासन के सहयोग से पायलट परियोजना के रूप में नोएडा में स्थापित किया गया है। इस पहल के साथ, बीएचईएल इस क्षेत्र में स्थानीय निवासियों, कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए, प्रदूषण के विरुद्ध लड़ाई में नोएडा प्राधिकरण के साथ मिलकर काम कर रहा है।

इस एपीसीटी का उद्घाटन माननीय केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने नोएडा में माननीय सांसद, लोकसभा और पूर्व केंद्रीय मंत्री, डॉ. महेश शर्मा; सांसद, राज्यसभा, श्री सुरेंद्र सिंह नागर; विधायक, नोएडा श्री पंकज सिंह; बीएचईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. नलिन सिंघल; सीईओ नोएडा श्रीमती ऋतु माहेश्वरी; बीएचईएल बोर्ड के निदेशकों तथा बीएचईएल और नोएडा प्राधिकरण के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थित में किया।

सभा को संबोधित करते हुए माननीय मंत्री जी ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि बीएचईएल ने नोएडा प्रशासन के साथ मिलकर वायु प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय स्तर पर पहल की है। उद्योग और प्रशासन के बीच ऐसे सक्रिय सहयोग से वायु प्रदूषण से निपटा जा सकता है | समय की मांग भी यही है।

डॉ. पांडेय ने कहा यह एपीसीटी पूर्ण रूप से स्वदेशी है जो कि हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के "मेक इन इंडिया" अभियान को भी सफल बनाता है। मुझे बताया गया है कि इस विकसित उत्पाद की लागत कम है। यह अच्छी बात है। मुझे विश्वास है कि बीएचईएल के इंजीनियर इस उत्पाद को बेहतर बनाने और इसकी लागत को और कम करने के लिए अधिक काम करेंगे, ताकि जहां भी वायु प्रदूषण की समस्या है, वहां ऐसे कई टॉवर लगाए जा सकें।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, विशेष रूप से सर्दियों में वायु प्रदूषण की समस्या से ग्रस्त होता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर तक गिर जाता है, जो स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

बीएचईएल के कॉर्पोरेट अनुसंधान एवं विकास प्रभाग ने इसे डिजाइन और विकसित, हेवी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट प्लांट हरिद्वार ने विनिर्मित और पावर सेक्टर [एनआर] नोएडा ने इस एपीसीटी को स्थापित किया है। यह एपीसीटी अपने धरातलीय स्तर के माध्यम से प्रदूषित हवा को खींचता है; टावर में स्थापित फिल्टर वायु के प्रदूषक तत्वों (पार्टिकुलेट मैटर) को सोख लेते हैं। इसके बाद टावर के ऊपरी हिस्से से स्वच्छ हवा निकलती है। सोखे गए प्रदूषक तत्वों को समयानुसार निपटान के लिए एपीसीटी के तल पर हॉपर में एकत्र किया जाता है। बीएचईएल का हरिद्वार स्थित प्रदूषण नियंत्रण अनुसंधान संस्थान एक वर्ष तक एपीसीटी के प्रदर्शन का अध्ययन करेगा।

डीएनडी और नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात की अत्यधिकता के कारण इस क्षेत्र में उत्पन्न अधिकतम प्रदूषण को देखते हुए इस टावर की स्थापना डीएनडी फ्लाईवे और स्लिप रोड के बीचों-बीच की गई है।

नोएडा प्राधिकरण ने टावर स्थापना के लिए भूमि उपलब्ध करवायी है साथ ही इसके परिचालन व्यय का 50 प्रतिशत वहन करेगा। डिजाइन, निर्माण, इरेक्शन एवं कमीशनिंग से संबंधित अन्य सभी विकासात्मक एवं पूंजीगत व्यय बीएचईएल द्वारा किया गया है। परिचालन व्यय का शेष 50 प्रतिशत बीएचईएल द्वारा वहन किया जाएगा।  

इस परियोजना की सफलता के आधार पर, शहरी क्षेत्र की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ऐसे वायु प्रदूषण नियंत्रण टावरों (एपीसीटी) को व्यापक स्तर पर स्थापित किया जा सकता है।

Back to previous page | Page last updated date : 18-11-2021